ग्लोबल वॉर्मिंग क्या है तथ्य और जानकारी 🌏What is global warming? Facts and Information in Hindi Tips
भूमंडलीय ऊष्मीकरण या ग्लोबल वॉर्मिंग क्या है?🌏What is global warming?
धरती Earth के वातावरण Environment में तापमान Temperature के लगातार हो रही विश्वव्यापी बढ़ोतरी Worldwide growth को ग्लोबल वार्मिंग Global Warming कहते हैं।
दूसरे शब्दों में – जब वायुमंडल Atmosphere में कार्बन-डाइऑक्साइड Carbon Dioxide (Co2) की मात्रा बढ़ जाती है तो वायुमंडल Atmosphere के तापमान Temperature में बढ़ोतरी increasing हो जाती है। तापमान में हुए इस बदलाव change को ग्लोबल वार्मिंग Global Warming कहा जाता है।
ग्लोबल का अर्थ है ‘पृथ्वी’ ,’Earth’ और वॉर्मिंग का अर्थ है ‘गर्म’, ‘Warm’। भूमंडलीय ऊष्मीकरण (या ग्लोबल वॉर्मिंग) का अर्थ पृथ्वी की निकटस्थ-सतह वायु Near surface air और महासागर Ocean के औसत तापमान में 20वीं शताब्दी से हो रही वृद्धि और उसकी अनुमानित निरंतरता Approximate continuity है।
आसान शब्दों में समझें तो ग्लोबल वार्मिंग का अर्थ है ‘पृथ्वी के तापमान में वृद्धि और इसके कारण मौसम में होने वाले परिवर्तन’ Earth’s rise in temperature and the changes in weather due to it. पृथ्वी के तापमान में हो रही इस वृद्धि (जिसे 100 सालों के औसत तापमान पर 10 फारेनहाईट 10 Fahrenheit आँका गया है) के परिणाम स्वरूप बारिश Rain के तरीकों में बदलाव, हिमखण्डों और ग्लेशियरों के पिघलने Melting of glaciers, समुद्र के जल-स्तर में वृद्धि और वनस्पति तथा जन्तु Flora and fauna जगत पर प्रभावों The effects के रूप के सामने आ सकते हैं।
भूमंडलीय ऊष्मीकरण या ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण Main Reasons of Global Warming:-
ग्रीन हाउस गैस Green House Gas
ग्लोबल वार्मिंग Global Warming के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन Climate change के लिए सबसे अधिक जिम्मेदार ग्रीन हाउस गैसें Greenhouse gases हैं। ग्रीन हाउस गैसें वे गैसें होती हैं, जो सूर्य sun से मिल रही गर्मी को अपने अंदर सोख soak लेती हैं। ग्रीन हाउस गैसों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण गैस कार्बन डाइऑक्साइड Carbon dioxide है, जिसे हम जीवित प्राणी Living beings अपनी सांस के साथ उत्सर्जन Emission करते हैं। पर्यावरण वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी के वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड Carbon Dioxide की मात्रा बढ़ रही है। दूसरी ग्रीनहाउस गैसें हैं – नाइट्रोजन ऑक्साइड Nitrogen Oxide , CFCs क्लोरिन और ब्रोमाईन Bromine compound कम्पाउंड आदि। ये सभी वातावरण में एक साथ मिल जाते हैं और वातावरण के रेडियोएक्टिव संतुलन Radioactive balance को बिगाड़ते हैं। उनके पास गर्म विकीकरण को सोखने Adsorption की क्षमता है जिससे धरती की सतह गर्म होने लगती है।

प्रदूषण Pollution
वायुमंडल के तापमान में होने वाली लगातार वृद्धि continues to grow के कारणों में प्रदूषण Pollution भी एक कारण Reasons है। प्रदूषण Pollution कई तरह का होता है – वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण Air pollution, water pollution, land pollution, noise pollution आदि। प्रदूषण के कारण वायुमंडल में कई तरह की गैसें बनती जा रही है। ये गैसें ही तापमान वृद्धि का मुख्य कारण है और प्रदुषण इन गैसों को बनने में मदद करता है।
जनसंख्या वृद्धि Population growth
औद्योगीकरण Industrialization
शहरीकरण Urbanization को बढ़ावा देते हुए शहरी इलाकों में कारखाने और कम्पनियाँ Factories & Companies लगातार बढ़ती जा रहीं हैं। जिनसे विषैले पदार्थ, पलास्टिक, रसायन, धुआँ Toxic material, plastic, chemicals, smoke आदि निकलता है। ये सभी पदार्थ matter वातावरण को गर्म करने का कार्य बखूबी निभाते हैं।
जंगलों की कटाई Deforestation
मनुष्य अपनी सुविधाओं Features के लिए प्रकृति Environment से छेड़छाड़ करता रहता है। मनुष्य ने धरती के वातावरण को संतुलित बनाए रखने वाले पेड़-पौधों को काट कर वातावरण को अत्याधिक गर्म कर दिया है, जिसके कारण समुद्र का जल-स्तर Sea level बढ़ रहा है, समुद्र के इस तरह जल-स्तर बढ़ने से दुनिया के कई हिस्से जल में लीन हो जाएंगे भारी तबाही मचेगी यह किसी विश्व युद्ध या किसी “एस्टेरॉयड” (Asteroid) के पृथ्वी से टकराने से होने वाली तबाही से भी ज्यादा भयानक तबाही होगी।यह हमारी पृथ्वी के लिए बहुत ही हानिकारक Harmful सिद्ध होगा।
ओजोन परत में कमी आना Ozone layer depletion
अंर्टाटिका Antarctica में ओजोन परत में कमी आना भी ग्लोबल वार्मिंग Global warming का एक कारण है। CFC (Chlorofluorocarbons) गैस के बढ़ने से ओजोन ozone layer परत में कमी आ रही है। ये ग्लोबल वार्मिंग का मानव जनित कारण है। CFC गैस का इस्तेमाल कई जगहों पर औद्योगिक तरल सफाई Industrial liquid cleaning में एरोसॉल प्रणोदक Aerosol propellant की तरह और फ्रिज refrigerator में होता है, जिसके नियमित बढ़ने से ओजोन परत में कमी आती है। ओजोन परत का काम धरती को नुकसान दायक किरणों Noxious rays से बचाना है। जबकि, धरती के सतह की ग्लोबल वार्मिंग बढ़ना इस बात का संकेत है कि ओजोन परत में क्षरण Corrosion हो रहा है। सूरज की हानिकारक अल्ट्रा वॉइलेट harmful Ultra Violet Rays किरणें जीवमंडल में प्रवेश कर जाती है और ग्रीनहाउस गैसों green House Gas के द्वारा उसे सोख Soak लिया जाता है जिससे अंतत: ग्लोबल वार्मिंग Global Warming में बढ़ौतरी होती है।