इनकम टैक्स बचाने के लिए हमे क्या करना चाहिए , जाने यहाँ – What should we do to save income tax, know here?

आपकी सालाना कमाई/ Yearly Income 2.50 लाख रुपये तक है तो आपको कोई टैक्स नहीं देना। यदि आपकी कमाई 2.50 लाख रुपये/ 2 Lakh 50 Thousand से ज्यादा है तो आप इनकम टैक्स/ Income Tax के नज़र में आते हैं। सालाना कमाई 2.50 लाख रुपये से ज्यादा होने पर देखें कि कंपनी सैलरी/ Company Salary किन-किन चीजों को काटने के बाद दे रही है, जैसे HRA, PF आदि। सालभर में काटी गई यह कुल रकम अपनी कमाई में से घटा दें। इसके बाद भी अगर कमाई 2.50 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको अपनी कमाई का कुछ हिस्सा/ Part of salary इन्वेस्ट करना चाहिए। यह इन्वेस्टमेंट न सिर्फ आपके भविष्य की जरूरतों/ Future Need के काम में आती है, बल्कि टैक्स भी कम करती हैं। और हां, अगर आप इनकम टैक्स की पुरानी व्यवस्था के मुताबिक रिटर्न फाइल करते हैं तभी ये इन्वेस्टमेंट काम आ सकते हैं।

इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत ऐसी बहुत सारी स्कीम हैं जिनमें इन्वेस्ट करके आप हर साल 1.50 लाख रुपये तक टैक्स कम कर सकते हैं। ध्यान रहे, यह डिडक्शन होता है जो टैक्सेबल इनकम में से घटाया/ Decrease from taxable income जाता है। यह छूट नहीं है। छूट वह होती है जिसे टैक्स में से घटाया जाता है। इन स्कीम में इन्वेस्ट करके आप अच्छा रिटर्न भी पा सकते हैं। साथ ही अपना और अपने परिवार का भविष्य भी सुरक्षित कर सकते हैं। तो चलिए बात करते हैं स्कीम्स के बारे में

पब्लिक प्रोविडेंट फंड / Public Provident Fund

इसमें आप सालाना न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये जमा कर सकते हैं। PPF पर अभी 7.10% की दर से सालाना ब्याज मिल रहा है। इसमें किया गया निवेश, मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम भी टैक्स फ्री होती है। कोई भी शख्स चाहे वह बिजनेस करता हो या सैलरी पाता हो, PPF अकाउंट सरकारी बैंक या पोस्ट ऑफिस में खोल सकता है। इस अकाउंट में 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है।

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सीनियर सिटिजंस सेविंग्स स्कीम
Senior Citizens Savings Scheme

यह स्कीम बुजुर्गों के लिए है। आपकी उम्र 60 साल है तो आप इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं। इसमें अभी सालाना 7.4% का ब्याज मिल रहा है। इसमें सालाना कम से कम 1000 रुपये और अधिकतम 15 लाख रुपये जमा करा सकते हैं। इस स्कीम में निवेश की गई रकम की मैच्योरिटी अवधि 5 साल है।

नैशनल पेंशन स्कीम / National Pension

इस स्कीम में अभी से इन्वेस्टमेंट रिटायरमेंट के बाद पेंशन के तौर पर न केवल आर्थिक सहयता देता है बल्कि इन्वेस्टमेंट के दौरान टैक्स में छूट भी दिलाता है। इनकम टैक्स की धारा 80C के अतिरिक्त 80CCD (1B) के तहत भी 50 हजार रुपये की अतिरिक्त छूट का दावा किया जा सकता है। इस प्रकार NPS में इन्वेस्टमेंट पर टैक्सेबल इनकम में 2 लाख रुपये तक की कटौती ले सकते हैं।

सुकन्या समृद्धि योजना / Sukanya Samridhi Yojna

आपकी 10 साल तक की बेटी है तो उसके नाम से किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में सुकन्या समृद्धि योजना में अकाउंट ओपन करवाया जा सकता है। इसमें सालाना न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1.50 लाख रुपये जमा करा सकते हैं। इसमें अभी सालाना 7.6% का ब्याज मिल रहा है। बेटी के 21 साल के होने पर यह अकाउंट मैच्योर हो जाता है। इसमें सिर्फ 14 साल तक रकम जमा करनी पड़ती है।

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम / Equity Linked Savings Scheme

यह म्यूचुअल फंड में निवेश की स्कीम है। इसका मुख्य उद्देश्य टैक्स बचाने के साथ ही अच्छा रिटर्न दिलाना है। इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम फंड में 3 साल का लॉक-इन होता है। रिटर्न पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाने के बावजूद यह निवेश रिटर्न के लिहाज से अच्छा है।

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फिक्स्ड डिपॉजिट / Fixed Deposite

FD में भी इन्वेस्ट करके आप टैक्स घटा सकते हैं। हालांकि टैक्स सेविंग FD में निवेश 5 साल के लिए लॉक-इन रहता है। इसमें ब्याज दर समय-समय पर बदलती रहती है और हर बैंक अलग-अलग दर से ब्याज देता है। अभी 5 साल की FD पर ब्याज दर 2% से लेकर 7% सालाना है।

टैक्स सेविंग के लिए इन स्कीम्स के अलावा और भी प्लान हैं। जैसे- VPF, जीवन बीमा कंपनियों के पेंशन प्लान। साथ ही सेक्शन 80TTA के तहत आप सेविंग बैंक, पोस्ट ऑफिस पर मिलने वाले 10 हजार रुपये तक के ब्याज की कटौती टैक्सेबल इनकम में से ले सकते हैं। तो चलिए उनके बारे में भी जान लेते हैं।

लाइफ और टर्म इंश्योरेंस / Life And Term Insurence

लाइफ और टर्म इंश्योरेंस के प्रीमियम पर भी सेक्शन 80C के तहत टैक्सेबल इनकम में कटौती ले सकते हैं। लाइफ इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम कितना होगा, यह आप पर निर्भर करता है कि आप कितनी सम इंश्योर्ड रकम का इंश्योरेंस लेते हैं। अगर आपके इंश्योरेंस का सालाना प्रीमियम 10 हजार रुपये है तो आप 10 हजार रुपये की कटौती ले सकते हैं। कोई भी शख्स चाहे वह बिजनेस करता हो या सैलरी पाता हो, यह इंश्योरेंस ले सकता है।

हेल्थ इंश्योरेंस पर कटौती / Health insurance deduction

इन दिनों इलाज का खर्च तेजी से बढ़ रहा है। कोरोना की कारण से खर्च और बढ़ गया है। हेल्थ इंश्योरेंस लेकर आप न केवल बीमारी के समय वित्तीय बोझ से बच सकते हैं बल्कि इनकम टैक्स की धारा 80D के अंतर्गत टैक्सेबल इनकम में कटौती ले सकते हैं। हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर यह कटौती इस प्रकार है:
– आपके और आपके परिवार (पति/पत्नी और बच्चे) के लिए 25 हजार रुपये तक की।
– आप, आपका परिवार और आपके माता-पिता के लिए 50 हजार रुपये तक की।
– आप, आपका परिवार और अगर माता-पिता में से कोई एक या दोनों बुजुर्ग हैं तो 55 हजार रुपये तक की।
– अगर आप बुजुर्ग हैं तो आप, आपका परिवार और बुजुर्ग माता-पिता के लिए 60 हजार रुपये तक की।

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अब उन खर्चों के बारे में भी जान लें, जिनपर कटौती ली जा सकती है
Now also know about the expenses on which deduction can be taken

80DD: अगर आप किसी आश्रित दिव्यांग (जैसे माता-पिता, पत्नी, बच्चे, भाई और बहन) के इलाज पर रकम खर्च करते हैं तो इस सेक्शन के तहत खर्च की गई रकम पर कटौती ले सकते हैं। अगर आश्रित 40 से 80% तक दिव्यांग है तो आयकर में 75 हजार रुपये तक की और 80% से ज्यादा दिव्यांग है तो 1.25 लाख रुपये तक की कटौती ले सकते हैं। इस क्लेम के लिए किसी मान्य मेडिकल अथॉरिटी से डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट जरूरी होगा।

80DDB: अगर अपने किसी आश्रित (माता-पिता, बच्चे, आश्रित भाई-बहन और पत्नी) की गंभीर और लंबी बीमारी के इलाज में रकम खर्च की है तो इस सेक्शन के तहत खर्च की गई रकम पर कटौती ले सकते हैं। आमतौर पर यह कटौती 40 हजार रुपये होती है। बुजुर्गों के मामले में यह कटौती 1 लाख रुपये तक हो सकती है। इसके लिए मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी है।

80E: इस सेक्शन के तहत खुद, पत्नी या बच्चे की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन की ब्याज में भुगतान पर कटौती का दावा कर सकते हैं। इसमें शर्त है कि लोन हायर एजुकेशन (भारत या विदेश में) के लिए बैंक या वित्तीय संस्थान से लिया जाना चाहिए।

80EEA: इस सेक्शन के तहत होम लोन के ब्याज के भुगतान पर अधिकतम 1.50 लाख रुपये की कटौती ले सकते हैं। हालांकि इसके लिए स्टाम्प ड्यूटी पर घर के कारपेट एरिया से जुड़ी कुछ शर्तें शामिल हैं।

24B: इस सेक्शन के तहत होम लोन की EMI में शामिल ब्याज पर कटौती का दावा कर सकते हैं। अगर आप प्रॉपर्टी में खुद रहते हैं तो इसकी लिमिट 2 लाख रुपये सालाना है।

80EEA: यदि आप किफायती श्रेणी के घर खरीदते हैं तो होम लोन के ब्याज के भुगतान पर 1.50 लाख रुपये की अतिरिक्त कटौती पा सकते हैं। यह कटौती सेक्शन 24B के तहत 2 लाख रुपये की कटौती से थोडा अलग है। अफोर्डेबल हाउस पर छूट लेने की कुछ शर्तें भी हैं जैसे घर खरीदने की स्टैंप ड्यूटी 45 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए आदि।

80G: किसी धर्मार्थ संस्था, शैक्षणिक संस्थान या सरकार के नोटिफाइड ट्रस्ट उदाहरण ले सकते हैं जैसे की केंद्र सरकार का राष्ट्रीय रक्षा कोष, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष आदि में दान की गई 100% तक की रकम पर इस सेक्शन के तहत कटौती ले सकते हैं।