मैच्योर और सेंसिबल बिहेवियर सीखना चाहते हैं तो अपनाए यह सभी टिप्स😎 If you want to learn mature and sensible behavior, then follow all these tips.
मैच्योरिटी को उम्र के साथ मापना बिल्कुल गलत है। यह अनुभवों और बदलावों से आने वाला परिणाम है। मैच्योरिटी के लिए सबसे जरूरी है जिंदगी के महत्व को समझते हुए खुद को बेहतर बनाना / Improve yourself। मुश्किलें और बाधाएं जिंदगी का अहम हिस्सा हैं। अगर आज जिंदगी में दुख है, तो कल खुशी भी होगी। लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है जिंदगी के सभी अनुभवों से सीखकर आगे बढ़ना। खुद को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास / Persistent efforts करते रहना। लोगों का मानना होता है कि मैच्योरिटी उम्र के साथ / Maturity with age आती है। अगर आपकी उम्र कम है, तो जीवन को समझने की शक्ति / Power of understanding आप में कम होगी। जबकि मैच्योरिटी को उम्र नहीं, बल्कि अनुभवों के अनुसार मापा जाता है। अगर आपको भी ऐसा महसूस होता है कि आप में मैच्योरिटी कम है, तो आज जानिए कि इसे / how to behave maturely कैसे विकसित करना है।
इंसान अपने जीवन में आने वाले अनुभवों से सीखकर ही खुद को बेहतर बनाता है। मैच्योरिटी ऐसा बिहेवियर है / Maturity is behavior, जिसमें व्यक्ति को समझ होती है कि उसे क्या और कैसे करना है। किस स्थिति को किस तरह संभालना है। मैच्योरिटी और ग्रोइंग बिहेवियर / Maturity and growing behavior को बताते हुए मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट और साइकोलॉजिस्ट डॉ ललिता ने एक पोस्टस साझा की है। जिसमें उन्होंने ग्रोइंग बिहेवियर के लिए कुछ टिप्स को साझा किया है। आइए जानते हैं ग्रोइंग और मैच्योर बिहेवियर के लिए एक्सपर्ट ललिता के कुछ खास टिप्स
1. अपने दिल की सुनना / Listen to your heart
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट ललिता के मुताबिक अपनी इनर वॉयस / Inner voice सुनने की आदत बनाएं। अक्सर लोग अपने फैसले लेने के लिए दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं। लेकिन आपको खुद से ज्यादा बेहतर कोई भी नहीं जानता। इसलिए खुद के लिए फैसला करते वक़्त अपने मन की जरूर सुनें। अपनी इच्छाओं और जरूरतों को समझते हुए ही फैसला करें।
2. जरूरतों को प्राथमिकता बनाना / prioritizing needs
एक मैच्योर व्यक्ति इच्छाओं की जगह जरूरतों को अपनी प्राथमिकता बनाता है। साइकोलॉजिस्ट डॉ ललिता मानती हैं कि अपनी जरूरतों को मान्यता देना बहुत जरूरी है। इससे हमें अपनी इच्छाओं और उम्मीदों / Wishes and expectations को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। साथ ही हम बेवजह की चीजों पर ध्यान देने से बच जाएंगे।
3. अपने मूल्यों पर टिके रहना / Stick to your values
मैच्योर और सेंसिबल / Mature and sensible लोगों की सबसे बड़ी पहचान होती है कि वे अपने मूल्यों और फैसलों पर टिके रहते हैं। डॉ ललिता के मुताबिक अपनी वेल्यू पर काम करना सबसे ज्यादा जरूरी है। इससे आपका कॉन्फ़िडेंस लेवल बढ़ेगा और आप किसी भी हार्ड सिचुएशन का आसानी से सामना कर पाएंगी।
4. खुद पर भरोसा करना / Trust yourself
जिन लोगों में कंफिडेंट्स की कमी होती है, अक्सर उन लोगों को खुद पर भरोसा नहीं होता। उनका मानना होता है कि उनके लिए फैसले गलत ही होंगे। लेकिन एक मैच्योर व्यक्ति में सेल्फ कॉन्फ़िडेंस / Self confidence सबसे ज्यादा पाया जाता है।
5. बाधाओं पर काम करना / Working on obstacles
अपनी परेशानियों से डरकर भागना आपको कमजोर कर सकता है। साथ ही यह आपका कॉन्फ़िडेंस लेवल बहुत ज्यादा ही गिरा सकता है। इसलिए अपनी परेशानियों से भागने के बजाय उनका सामना करने की कोशिश करें। इससे आपको स्ट्रांग बनने और खुद को बेहतर तरीके से निखारने में मदद मिलेगी।
6. अपने लिए स्पेस बनाना / Making space for yourself
जितना जरूरी खुद को कंफर्ट जोन से बाहर निकालना है, उतना ही जरूरी अपने लिए स्पेस बनाना भी है। एक्सपर्ट ललिता के अनुसार खुद को स्पेस देना आपकी मेंटल हेल्थ के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए आपको खाली समय में अपनी इच्चाओं पर काम करना चाहिए। काम और जिम्मेदारियों से हटकर कुछ समय अपने लिए जरूर निकालना चाहिए। जिससे आपको आंतरिक रूप से खुशी मिल सकें।
7. खुद से उम्मीदें रखना / Have expectations from yourself
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक दूसरों की जगह खुद से उम्मीदें रखना शुरू करें। क्योंकि ये आपके लिए एक चुनौती की तरह काम करेगा। जो आपको बेहतर बदलाव की ओर ले जाएगा। वही दूसरों से उम्मीदें रखने से आपका कॉन्फ़िडेंस लेवल गिरेगा।
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