आइए जानते हे राजपूत और उनके गोत्र के बारे मे – Let’s know About Rajput and Their Gotra
“दस रवि से दस चन्द्र से बारह ऋषिज प्रमाण, चार हुतासन सों भये कुल छत्तीस वंश प्रमाण, भौमवंश से धाकरे टांक नाग उनमान, हानी चौबीस बंटि कुल बासठ वंश प्रमाण.” अर्थ: – दस सूर्य वंशीय क्षत्रिय दस चन्द्र वंशीय, बारह ऋषि वंशी एवं चार अग्नि वंशीय कुल छत्तीस क्षत्रिय वंशों का प्रमाण है, बाद में भौम वंश, नाग वंश क्षत्रियों को सामने करने के बाद जब चौहान वंश चौबीस अलग-अलग वंशों में जाने लगा तब
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