जयपुर में पर्यटकों के 10 प्रसिद्ध स्थान जहाँ आप अपने पर्यटन के मजे ले सकते है

जयपुर उर्फ “गुलाबी शहर” के नाम से तो आप सभी भलीभाँति वाक़िफ़ होंगे। भारत के सबसे बड़े राज्य की राजधानी जो स्वादिष्ट घेवर, दाल बाटी चूरमा व प्याज कचौडी़ का गंतव्य है। नाम सुनते ही आपके दिमाग में इसका ललचाने वाला दृश्य तो ज़रूर उभरा होगा, है ना? कहा जाता है कि शहर को वेल्स के राजकुमार के स्वागत की खुशी में गुलाबी(गेरुआ) रंग से रंगा गया था और तभी से इसे गुलाबी शहर के नाम से जाना जाने लगा। जयपुर के दर्शनीय स्थल में सबसे पहले जो आपके मन में नाम आएगा वो होगा हवा महल और बेशक आना भी चाहिए क्योंकि इसकी अतुलनात्मक सुंदरता से आप सभी परिचित हैं।

विश्व में, भारत के जयपुर शहर को गुलाबी शहर के नाम से भी जानते है, जयपुर भारत के राजस्थान प्रदेश की राजधानी है, जहाँ कई राजाओ ने राज किया आज हम आप को जयपुर के बारे में और यहाँ के पर्यटन से जुड़े कुछ खाश चीज़े बताने वाले है

जयपुर का मौसम

जयपुर गर्म इलाकों में शुमार है इसलिए अगर आप यहाँ घूमने का विचार कर रहें है तो अक्टूबर से फरवरी के महीने एकदम उचित है क्योंकि इस दौरान मौसम ठंडा होता है। आपको खूब सारे गर्म कपड़े अपने साथ लेकर आने होंगे। गर्मियों में परेशानी उठाने से अच्छा है आप सर्दियों में यहाँ आकर लुत्फ़ उठाऐं। इसके साथ साथ आप अन्य सथल पर भी जा सकते है जेसे हबा महल, सिटी पैलेस, जल महल इत्यादी |

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1. हवा महल (Hawa Mahal)

महाराजा सवाई सिंह द्वारा बनवाया गया यह महल अदम्य खूबसूरती का प्रतीक है। यह महल शाही महारानियों के लिए बनवाया गया था ताकि वो गली,महोल्ले में होने वाले त्योहारों, उत्सवों और हलचल की दर्शक बन सके। इसे हिन्दू, राजपूत व इस्लामिक वास्तुकला द्वारा बनवाया गया है जिसमे 953 झरोखे है जहाँ से आप आस-पास के नजा़रों को बखूबी देख पाएंगे। झरोखों से गुज़रती हवा आपको सुकून के संसार में ले जाएगी, जहाँ पहुँचकर आप आनंद की मदमस्त हवा को बटोरते नहीं थकेंगे।

2. सिटी पैलेस (City Palace)

इतिहास, वास्तुकला एवं फ़ोटोग्राफ़ी – अगर आप इन तीनों में से किसी भी चीज़ के शौकीन है तो आपको यहाँ खासतौर से आना ही चाहिए। यहाँ से आप पूरे जयपुर को अपनी आँखों में समेट सकते हैं और इसके सौंदर्य के गवाह बन सकते है। अपने कमरे में ढेर सारी तस्वीरों को कैद करिए जिसके द्वारा आप एक बेहद सुंदर याद को संजो पाएंगे।

3. नाहरगढ़ किला (Nahargarh Fort)

नाहरगढ़ का किला जयपुर को घेरे हुए अरावली पर्वतमाला के ऊपर बना हुआ है। आरावली की पर्वत श्रृंखला के छोर पर आमेर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, इस किले को जयपुर के राजा सवाई राजा जयसिंह द्वितीय ने साल 1734 में बनवाया था। यहाँ एक किंवदंती (ऐसी बात जिसे परंपरा से सुनते चले आए हों) है कि कोई एक नाहर सिंह नामके राजपूत की प्रेतात्मा वहां भटका करती थी।

4. जयगढ़ किला (Jaigarh Fort)

जयगढ़ दुर्ग (राजस्थानी: जयगढ़ क़िला) भारत के पश्चिमी राज्य राजस्थान की राजधानी जयपुर में अरावली पर्वतमाला में चील का टीला (ईगल की पहाड़ी) पर आमेर दुर्ग एवं मावता झील के ऊपरी ओर बना किला है। इस दुर्ग का निर्माण जय सिंह द्वितीय ने 1667ई|

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हालांकि, तीन महीने की खोज के बाद, जयगढ़ किले में सेना की एक इकाई द्वारा खजाने की खोज की गई, कोई खजाना नहीं मिला। तब यह अनुमान लगाया गया था कि सवाई जय सिंह ने शायद जयपुर शहर के निर्माण के लिए खजाने का इस्तेमाल किया था। इनके बारे में बहुती से अहम् जानकरी भी बताही जाती बहुत राज भी है|

5. जल महल (Jal Mahal)

जल महल राजपूत वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है, इसकी पांच मंजिला लंबी सममित संरचना पूरी तरह से बलुआ पत्थर से बनी है। यह महल भारत के जयपुर में मान सागर झील के बीच में स्थित है और इसे महाराजा सवाई जय सिंह द्वितीय ने 18वीं शताब्दी की शुरुआत में बनवाया था।

जल महल के निर्माण से पहले Jaipur में पानी की कमी के कारण अरबावती नदी पे बांध बनवा कर मान सागर झील का निर्माण कर वाया था। इसका निर्माण 1799 में हुआ था इसके निर्माण के लिए राजपूत शैली से तैयार की गयी नौकाओं की मदद ली गयी थी। जय महल के राज के बारे मे आपको सी जानकारी नहीं पता होगी माना जाता है की यह जल महल पाच मंजिल की इमारत पानी में डूबी रहती थी वह रानियो के साथ के कुछ अहम् पहल बिताया करता था|

6. पिंक सिटी बाजा़र (Pink City Bazaar)

पिंक सिटी बाज़ार राजस्थान के जयपुर में बहुत महासुर है यह पर दुनिया बार से खरीदआरी करने आते है इसकी खासियत बस इनती है की यह अपने नाम से बहुत परषिद है जयपुर के पुराने और नए बाजार इतने आकर्षक और शानदार हैं कि आप उन्हें वर्षों के दौरान विकसित होते देख सकते हैं और कैसे आगंतुकों और स्थानीय लोगों को समान रूप से हर बार आश्चर्यचकित किया गया है। आपको जयपुर के कुछ बेहतरीन बाज़ारों से परिचित कराने के लिए, यहाँ आपका व्यक्तित्व गाइड है।

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7. बिरला मंदिर (Birla Mandir)

बिड़ला मंदिर अथवा बिरला मंदिर बिड़ला परिवार द्वारा निर्मित विभिन्न हिंदू मंदिरों या मंदिरों को संदर्भित करता है। इन सभी मंदिरों का शानदार रूप से निर्माण किया गया है, उनमें से कुछ सफेद संगमरमर में या बलुआ पत्थर में हैं। मंदिर आम तौर पर एक प्रमुख स्थान पर स्थित होते हैं, सावधानी से बड़ी संख्या में आगंतुकों को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। पूजा और प्रवचन अच्छी तरह व्यवस्थित हैं। 52+++++++पहला मंदिर 1939 में दिल्ली में संयुक्त रूप से घनश्यादास बिड़ला और उनके भाइयों, साथ ही उनके पिता द्वारा बनाया गया था। बाद में अन्य मंदिरों का निर्माण किया गया है, और परिवार की विभिन्न शाखाओं द्वारा प्रबंधित किया जाता है।

8. जंतर मंतर (Jantar Mantar)

जंतर मंतर, “यंत्र मंत्र” का अपभ्रंश रूप है। सवाई जयसिंह ने ऐसी वेधशालाओं का निर्माण जयपुर, उज्जैन, मथुरा, दिल्ली और वाराणसी में भी किया था। पहली वेधशाला 1725 में दिल्ली में बनी। इसके 10 वर्ष बाद 1734 में जयपुर में जंतर मंतर का निर्माण हुआ। इसके 15 वर्ष बाद 1748 में मथुरा, उज्जैन और बनारस में भी ऐसी ही वेधशालाएं खड़ी की गईं।